मर्सी होम, ग्वालियर, ४५ से अधिक विशेष बच्चों और युवाओं के लिए एक आवासीय सुविधा है, जो बोलने, सुनने में असमर्थ और मानसिक रूप से अक्षम हैं। यह स्थान एक सुरक्षित आश्रय होने के उद्देश्य से बनाया गया था, लेकिन वर्तमान में यहाँ बदहाल स्थिति है। स्वच्छ पानी, उचित कपड़े, और स्वच्छ वातावरण जैसी बुनियादी जरूरतें अनुपलब्ध हैं। जंग खाए बल्ब, पंखे, और कूलर इस स्थान को रहने लायक नहीं छोड़ते। मनोरंजन कक्ष नाममात्र का है, और दुर्गंध व अस्वच्छता के कारण यहाँ रहना कठिन है। तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है।
मर्सी होम, ग्वालियर में उन विशेष बच्चों और युवाओं के लिए एक आश्रय स्थल है, जो बोलने, सुनने में असमर्थ हैं और मानसिक रूप से अक्षम हैं। हमारी टीम जब यहाँ पहुँची, तो वहाँ की स्थिति देखकर हम स्तब्ध रह गए। यहाँ 45 से अधिक लोग रहते हैं, जिनके पास न तो पहनने के लिए उचित कपड़े हैं, न पीने के लिए स्वच्छ पानी, और न ही रहने के लिए सम्मानजनक वातावरण। बल्ब, पंखे, और कूलर जंग खा चुके हैं। मनोरंजन कक्ष नाममात्र का है, जिसमें कोई मनोरंजक सुविधा नहीं है। गर्मी में ठंडा पानी तो दूर, पीने योग्य पानी तक उपलब्ध नहीं है। कुछ लोग भूख के कारण मरे हुए चूहे खाने को मजबूर हैं, क्योंकि उन्हें भेदभाव की समझ नहीं है। परिसर की दीवारें गंदी और जर्जर हैं, बड़ा सा गेट है, लेकिन अंदर का दृश्य नारकीय है। कोई बिजली, पंखा, या शीतलन व्यवस्था नहीं है। दुर्गंध इतनी तीव्र है कि दो मिनट खड़े रहना मुश्किल है, क्योंकि वहाँ स्वच्छता का अभाव है और मल-मूत्र की सफाई नहीं होती। स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई देखभाल नहीं हो रही थी। हमने देखा कि यहाँ के लोगों के पास उनके शरीर के अनुरूप कपड़े तक नहीं हैं—किसी पतले व्यक्ति पर बड़ा जैकेट, तो किसी बड़े व्यक्ति पर छोटे कपड़े। यह स्थिति मानवता के लिए संकट है। हमने प्रभारी से बात की, जिन्होंने संसाधनों की कमी को स्वीकार किया। हमने सुझाव दिया कि कम से कम चार बल्ब लगवाए जाएँ, ताकि कुछ रोशनी हो सके। यह स्थान तत्काल सुधार और देखभाल की माँग करता है, ताकि यहाँ रहने वालों को एक गरिमापूर्ण जीवन मिल सके।
यहाँ आदमी दूसरे आदमी को अपने साथ ले जा रहा है जिनके कपड़े पुराने हैं| उनके कपड़े पुराने और अनुपयुक्त हैं—एक व्यक्ति के कपड़े ढीले हैं, तो दूसरे के फटे हुए और छोटे। वे नंगे पाँव चल रहे हैं, जिससे स्वच्छता और देखभाल की कमी स्पष्ट होती है। पृष्ठभूमि में इमारत की दीवारें जर्जर हैं, पेंट उखड़ा हुआ है, और बिजली के तार अव्यवस्थित तरीके से लटक रहे हैं। यह दृश्य मर्सी होम में रहने वाले लोगों की दयनीय स्थिति को दर्शाता है, जहाँ बुनियादी जरूरतें जैसे उचित कपड़े, स्वच्छता, और सुरक्षित वातावरण तक उपलब्ध नहीं हैं।
इमारत की दीवारें और बड़ा नीला गेट पुराना और क्षतिग्रस्त है, जिस पर पेंट उखड़ रहा है और जंग लग चुका है। दीवारों पर गंदगी और दरारें साफ दिखाई देती हैं, जो इस स्थान की उपेक्षा को दर्शाती हैं। एक व्यक्ति, जो संभवतः मरम्मत कार्य में लगा है, एक सीढ़ी पर चढ़कर दीवार को रंगने या ठीक करने की कोशिश कर रहा है। वह ऊँचाई पर असुरक्षित तरीके से काम कर रहा है, जिससे सुरक्षा की कमी का पता चलता है। आसपास का क्षेत्र भी अव्यवस्थित है—कुछ पौधे सूख रहे हैं, और जमीन पर गंदगी बिखरी हुई है।
यह छवि मर्सी होम के एक कोने को दिखाती है, जहाँ स्वच्छता और संसाधनों की भारी कमी साफ झलकती है। एक पानी का डिस्पेंसर दीवार पर लगा है, लेकिन वह पुराना और जंग खाया हुआ लगता है, जिससे साफ पानी की उपलब्धता पर सवाल उठता है। इसके सामने दो नीले ड्रम रखे हैं, जिनमें से एक में पानी भरा है, लेकिन आसपास गंदे कपड़े बिखरे पड़े हैं, जो स्वच्छता की कमी को दर्शाते हैं। जमीन गीली है, और पानी का एक पाइप बेतरतीब तरीके से रखा हुआ है। यहाँ रहने वाले विशेष बच्चों और युवाओं के लिए स्वस्थ और गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित करने के लिए तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।
इमारत की स्थिति जर्जर है—दीवारों पर पेंट उखड़ रहा है, और दरारें साफ दिखाई देती हैं। नीला गेट पुराना और जंग खाया हुआ है, जो इस स्थान की उपेक्षा को दर्शाता है। दो व्यक्ति गेट के पास खड़े हैं, जिनमें से एक दीवार पर और दूसरा गेट पर जोर से दस्तक दे रहा है, शायद अंदर प्रवेश करने की कोशिश में। आसपास का क्षेत्र गंदा और अव्यवस्थित है, जिसमें मिट्टी और कचरा बिखरा हुआ है। यह दृश्य मर्सी होम की बदहाल स्थिति को उजागर करता है, जहाँ बुनियादी रखरखाव और देखभाल की कमी साफ दिखती है।
यहाँ आदमी दूसरे आदमी को अपने साथ ले जा रहा है जिनके कपड़े पुराने हैं| उनके कपड़े पुराने और अनुपयुक्त हैं—एक व्यक्ति के कपड़े ढीले हैं, तो दूसरे के फटे हुए और छोटे। वे नंगे पाँव चल रहे हैं, जिससे स्वच्छता और देखभाल की कमी स्पष्ट होती है। पृष्ठभूमि में इमारत की दीवारें जर्जर हैं, पेंट उखड़ा हुआ है, और बिजली के तार अव्यवस्थित तरीके से लटक रहे हैं। यह दृश्य मर्सी होम में रहने वाले लोगों की दयनीय स्थिति को दर्शाता है, जहाँ बुनियादी जरूरतें जैसे उचित कपड़े, स्वच्छता, और सुरक्षित वातावरण तक उपलब्ध नहीं हैं।
इमारत की दीवारें और बड़ा नीला गेट पुराना और क्षतिग्रस्त है, जिस पर पेंट उखड़ रहा है और जंग लग चुका है। दीवारों पर गंदगी और दरारें साफ दिखाई देती हैं, जो इस स्थान की उपेक्षा को दर्शाती हैं। एक व्यक्ति, जो संभवतः मरम्मत कार्य में लगा है, एक सीढ़ी पर चढ़कर दीवार को रंगने या ठीक करने की कोशिश कर रहा है। वह ऊँचाई पर असुरक्षित तरीके से काम कर रहा है, जिससे सुरक्षा की कमी का पता चलता है। आसपास का क्षेत्र भी अव्यवस्थित है—कुछ पौधे सूख रहे हैं, और जमीन पर गंदगी बिखरी हुई है।
इमारत की स्थिति जर्जर है—दीवारों पर पेंट उखड़ रहा है, और दरारें साफ दिखाई देती हैं। नीला गेट पुराना और जंग खाया हुआ है, जो इस स्थान की उपेक्षा को दर्शाता है। दो व्यक्ति गेट के पास खड़े हैं, जिनमें से एक दीवार पर और दूसरा गेट पर जोर से दस्तक दे रहा है, शायद अंदर प्रवेश करने की कोशिश में। आसपास का क्षेत्र गंदा और अव्यवस्थित है, जिसमें मिट्टी और कचरा बिखरा हुआ है। यह दृश्य मर्सी होम की बदहाल स्थिति को उजागर करता है, जहाँ बुनियादी रखरखाव और देखभाल की कमी साफ दिखती है।
यह छवि मर्सी होम के एक कोने को दिखाती है, जहाँ स्वच्छता और संसाधनों की भारी कमी साफ झलकती है। एक पानी का डिस्पेंसर दीवार पर लगा है, लेकिन वह पुराना और जंग खाया हुआ लगता है, जिससे साफ पानी की उपलब्धता पर सवाल उठता है। इसके सामने दो नीले ड्रम रखे हैं, जिनमें से एक में पानी भरा है, लेकिन आसपास गंदे कपड़े बिखरे पड़े हैं, जो स्वच्छता की कमी को दर्शाते हैं। जमीन गीली है, और पानी का एक पाइप बेतरतीब तरीके से रखा हुआ है। यहाँ रहने वाले विशेष बच्चों और युवाओं के लिए स्वस्थ और गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित करने के लिए तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।
हर व्यक्ति का जीवन अनमोल है—चाहे वह किसी भी स्थिति में हो, क्योंकि हर इंसान में जीने का अधिकार और सम्मान पाने की क्षमता होती है। ये बच्चे, जो अपनी बात कह भी नहीं सकते, हमारी करुणा और सहयोग के हकदार हैं। यहाँ की स्थिति दयनीय है—स्वच्छ पानी, उचित कपड़े, और बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। जर्जर दीवारें, जंग खाए पंखे, और अस्वच्छ वातावरण इन बच्चों के जीवन को और कठिन बना रहे हैं। आप इन बच्चों के जीवन में बदलाव ला सकते हैं। आप कपड़े, बेडशीट, पंखे, बल्ब आदि दान कर सकते हैं, ताकि उनकी बुनियादी जरूरतें पूरी हों। आप वॉलंटियर बनकर हमारे प्रयासों का हिस्सा बन सकते हैं, जिससे उनकी देखभाल और स्वच्छता में मदद मिले। इसके अलावा, आर्थिक सहयोग के माध्यम से बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध करवा सकते हैं, जैसे स्वच्छ पानी की व्यवस्था और मरम्मत कार्य। आपका एक कदम इन बच्चों को नई उम्मीद दे सकता है। हर छोटा प्रयास बड़ा बदलाव ला सकता है, तो आइए, मानवता की खातिर, इन बच्चों के लिए एक बेहतर कल बनाएँ!
आपका एक कदम इन बच्चों को नई उम्मीद दे सकता है। हर छोटा प्रयास बड़ा बदलाव ला सकता है, तो आइए, मानवता की खातिर, इन बच्चों के लिए एक बेहतर कल बनाएँ!
जब हमने मर्सी होम की वास्तविकता को अपनी आँखों से देखा, तो वह केवल एक दृश्य नहीं था — वह मानवता के लिए एक चुनौती थी। वहाँ की दुर्दशा, उपेक्षा और असहाय दिव्यांगजनों की हालत देखकर हमारी आत्मा तक काँप उठी। लेकिन हम केवल दुखी होकर लौट आने वाले नहीं थे — हमने उसी क्षण एक दृढ़ निर्णय लिया: "बस अब और नहीं।" यह जगह अब खंडहर नहीं, बल्कि करुणा, सेवा और बदलाव का प्रतीक बनेगी। हमने तुरंत एक्शन लिया। सबसे पहले वहाँ की गंदगी और दुर्गंध से भरे कमरों की गहरी सफाई करवाई। फिर बिजली की आपूर्ति को दुरुस्त किया, नए बल्ब लगाए, पंखे और कूलर को मरम्मत करके चालू किया गया। वहाँ की भीषण गर्मी में ये व्यवस्था एक राहत की सांस बन गई। इसके साथ ही सबसे बुनियादी ज़रूरत — साफ पीने का पानी — भी प्राथमिकता में था, जिसकी तुरंत व्यवस्था की गई। लेकिन हमने केवल सुविधाओं तक सीमित रहना उचित नहीं समझा। वहाँ रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए व्यक्तिगत कपड़े तैयार करवाए गए —
2 फुल पजामे
2 हाफ निकर
2 हाफ शर्ट
1 फुल शर्ट
1 झोल
यह सिर्फ कपड़े नहीं थे, यह “सम्मान का प्रतीक” था। हमने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी व्यक्ति ऐसा महसूस न करे कि वह उपेक्षित है या कमतर है।
हमारा उद्देश्य स्पष्ट है — मर्सी होम को एक ऐसा स्थान बनाना जहाँ हर निवासी को सिर्फ एक छत नहीं, बल्कि गरिमा, सुरक्षा और आत्मसम्मान से परिपूर्ण जीवन मिले। एक ऐसा स्थान जो नर्क नहीं, बल्कि करुणा का मंदिर हो। जहाँ मनोरंजन कक्ष में अब सन्नाटा नहीं, बल्कि मुस्कान और संगीत गूंजे; जहाँ दीवारें गम की नहीं, बल्कि आशा की कहानियाँ कहें।
हम मानते हैं कि असली सेवा वहीं है जहाँ जरूरत सबसे ज्यादा है। पेड़-पौधों की तरह, मानव जीवन भी ध्यान, देखभाल और प्रेम से फलता-फूलता है। मर्सी होम में किया गया यह प्रयास हमारे संगठन की *निरंतर मानवीय सेवा यात्रा* का एक कदम है — और यह सफर अब रुकेगा नहीं।
Ram Astha Mission is a group of enthusiastic and passionate individuals working together to promote eco-friendly practices, empower communities and conserve the natural resources like wind, soil and water for future generations.